Nidhi Saxena

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सफलता कलम से रिश्तों तक


विषय ; सफलता कलम से रिश्तों तक 
रूप ; कविता
शीर्षक ; कलमकार हूं मैं
आज़ाद है ख्याल मेरे , आज़ाद मेरी कलम है।
एक कलमकार हूं मै , इस बात पर मुझे गर्व है ।
नही जानती हथियार की ताकत मैं ,
मैं तो बस कलम की ताकत जानती हूं ।
करता है अगर निंदा कोई मेरी ,
उसे कलम से जवाब देना जानती हूं ।
कलमकार हूं और कलम की ताकत मैं जानती हूं ।
हुई जब जब हिंसा साथ मेरे ,
तब तब अहिंसा से जवाब दिया है ,
कलम को हाथ में थाम कर शब्दो का बाण चलाया है।
नही बनाया किसी के दिल में घर,
सबके विचारो में खुद को बसाया है ।
क्योंकि कलमकार हूं मै कलम से सबको जीता है।
नही आती कोई लेखन शैली मुझे ,
मुझे तो बस मन के विचार प्रकट करने आते है ।
कोई पूछे मुझसे क्या मैने हासिल किया है ,
मै बस बोलूंगी इतना ही ,
मैने अपने रिश्ते कमाए है ,
मैने अपनो के दिल में अपनी जगह बनाई है ।
मैने रिश्तों में सफलता पाई है ।
मैने अपने शब्दो का जाल बनाकर ,
कलम को चलाना सीखा है ।
बस यही सफलता पाई है ।
गर्व है मुझे मै एक कलमकार हूं ।
और कलम की ताकत पहचानती हूं ।
                      
                               स्वरचित ; नीर( निधि सक्सैना)
                                       ( दिल्ली )



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2 Comments

Sachin dev

05-Dec-2022 06:15 PM

Nice

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Gunjan Kamal

05-Dec-2022 12:37 AM

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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